दोस्तों आज हम जानेंगे “RTO Kaise Bane” चयन प्रक्रिया व इस पद की भूमिका। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आर.टी.ओ) भारतीय सरकार का एक कार्यालय है, जो भारत में वाहन पंजीकरण और चालान अनुज्ञप्ति जारी करने के लिए उत्तरदायी हैं। Regional Transport Office (RTO) भारतीय सरकार का संगठन है, जो भारत के विभिन्न राज्यों के ड्राइवरों के डेटाबेस और वाहनों के डेटाबेस को बनाए रखने के लिए भी जिम्मेदार है। तो चलिए जानते हैं इस आर्टिकल के माध्यम से संपूर्ण जानकारी।
आरटीओ का मतलब क्या होता है?
आरटीओ का मतलब क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय होता है। RTO से संबंधित अधिकारी के संपूर्ण कार्य परिवहन से संबंधित होते है।
आरटीओ कैसे बना जाता है? RTO Officer Kaise Bane
RTO कोई डायरेक्ट पोस्ट नहीं होती है, इसके लिए पहले आपको MVI (Motor Vehicle Inspector) ARTO ऑफिसर बनना पड़ेगा, कहीं कहीं IMV नाम की पोस्ट भी होती है, ये सभी पोस्ट B ग्रुप में आती हैं। आरटीओ अधिकारी पोस्ट में सभी कार्य ट्रांसफोर्ट से संबधित होते है, इनके लिए राज्य लोक सेवा आयोग की तरफ से एग्जाम लिया जाता है।
ARTO “ARTO Full Form”
कुछ राज्यों में परिवहन विभाग भी इस भर्ती का आयोजन करता है कुछ सालों तक MVI या ARTO ऑफिसर की पोस्ट पर कार्य करना पड़ता है उसके बाद RTO के पद पर प्रमोशन होता हैं। ARTO की फुल फोर्म Assistant Regional Transport Officer होती है।
जैसे कि पहले आपको MVI grade 2 पर 4-5 साल कार्य करना होगा इसके बाद आपको MVI grade 1 पर प्रमोट किया जायेगा, जिस पर आपको 8-9 साल कार्य करने बाद आप RTO के लेवल पर पंहुच जायेंगे इनके बीच बीच में कुछ एग्जाम भी आयोजित किये जाते जिनको क्लीयर करना पड़ेगा।
RTO Officer Kaise Bane in Hindi
RTO की एग्जाम प्रोसेस कुछ इस तरह रहेगी –
- लिखित परीक्षा
- शारीरिक मापदंड परीक्षा
- साक्षात्कार
- दस्तावेज सत्यापन
आरटीओ बनने के लिए क्या योग्यताएं हैं?
आरटीओ बनने के लिए कोई सीधी भर्ती नहीं होती हैं, यदि आप क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में हाई पोस्ट प्राप्त करना चाहते हो तो ग्रेजुएशन पास करना होगा ग्रेजुएशन किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी सब्जेक्ट से कर सकते हैं, आरटीओ बनने के लिए पहले कुछ निम्न पदों से प्रमोशन लेकर आरटीओ बना जाता है।
आरटीओ अधिकारी को हिंदी में क्या बोलते हैं?
आरटीओ की फुल फॉर्म रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) होती है एक तरह से यह उस क्षेत्र का ट्रांसपोर्ट का ऑफिस कहलाता है, जहाँ इससे संबधित कार्य किये जाते हैं, यदि हम आरटीओ के हिंदी के नाम की बात करें तो उसे हिंदी में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय कहा जाता है।
आरटीओ और डीटीओ में क्या अंतर है?
आरटीओ और डीटीओ में कोई खास अंतर नहीं होता हैं, जहां क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय मतलब आरटीओ (रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस) एक राज्य के लिए कार्य करता है, वहीं प्रत्येक जिले के लिए एक जिला परिवहन कार्यालय डीटीओ (डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिस) होता है। दोनों जगहो पर कार्य वाहनों से संबंधित ही होता है, राज्य स्तर पर जिम्मेदारी आरटीओ के पास होती है, जबकि जिला स्तर पर जिम्मेदारी डीटीओ के पास होती है।
आरटीओ की भूमिकाएं क्या हैं?
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय एक सरकारी विभाग है जो वाहनों के रजिस्ट्रेशन से लेकर ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने, वाहनों का बीमा और परिवहन वाहनों की फिटनेस सर्टिफिकेट आदि का काम करता है, यह इन सभी के लिए आरटीओ जिम्मेदार होता है इसे भारत के प्रतिष्ठित सरकारी विभागों में से एक माना जाता है। आरटीओ ऑफिसर भर्ती की प्रक्रिया स्टेट सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित की जाती है।
RTO Selection Process “आरटीओ चयन प्र्क्रिया”
RTO Selection Process में मुख्य तौर पर 3 चरण होते हैं, पहले चरण में लिखित परीक्षा, दूसरे चरण में फिटनेस टेस्ट या मेडिकल टेस्ट, तीसरे चरण में इंटरव्यू राउंड आयोजित किया जाता है, इन तीनों चरणों को पास करने के बाद आरटीओ ऑफिसर का पद प्राप्त होता है।
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आरटीओ से बड़ा अधिकारी कौन होता है?
इस विभाग का नेतृत्व परिवहन आयुक्त द्वारा किया जाता है, आरटीओ ऑफिसर ग्रेड बी का अधिकारी होता है यह एक उच्च अधिकारी होता है जिसे अपने क्षेत्र के वाहनों की जांच करने और वाहनों से संबंधित डॉक्यूमेंट की जांच करने का अधिकार प्राप्त होता है।
RTO Age Limit
RTO ऑफिसर के लिए आयु सीमा लगभग 21 से 30 साल तक के बीच रखी जा सकती हैं। OBC वर्ग के उम्मीदवारों के लिए इसमें 3 साल तक की छूट है। जबकि SC/ST के आवेदकों को 5 साल की छूट मिलती है।
मैं राजस्थान में आरटीओ अधिकारी कैसे बन सकता हूं?
आरटीओ पद के लिए आवेदन करने से पहले उम्मीदवारों को पात्र होना होगा। उम्मीदवार के पास किसी भी मानयता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी प्रासंगिक विषय में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। फिर आरटीओ भर्ती के लिए सभी चरणों में पास होना चाहिए। लोअर ग्रेड ऑफिसर जैसे असिस्टेंट आरटीओ या मोटर व्हीकल स्पेक्टर (MVI) पद की नौकरी प्राप्त करनी होगी, उसके बाद आपका उच्च पद पर प्रमोशन होगा उसके बाद आपको आरटीओ ऑफिसर बनाया जाएगा।
RTO ऑफिसर की सैलरी कितनी होती है?
आरटीओ ऑफिसर ग्रेड बी की पोस्ट होती है, इसके लिए राज्य सरकार 15,600 से 55,000 रुपए तक की सैलरी और साथ ही 4200 रुपए ग्रेड पे दी जाती है। हर राज्य के अनुसार इसमें कुछ बदलाव हो सकता है, इसके साथ सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले दूसरे भत्ते जैसे चिकित्सा सुविधा, वाहन, घर, पीएफ, टीए आदि सहायता भी दिए जाती हैं।
आरटीओ कैसे बना जाता है?
आरटीओ ऑफिस भर्ती प्रक्रिया स्टेट सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित की जाती है आरटीओ बनने से पहले आप एमवीआई (Motor Vehicle Inspection) या एआरटीओ (Assistant Regional Transport Officer) के लिए अप्लाई करना होता है जिसको पास करने के बाद आप आरटीओ ऑफिस के लिए अप्लाई कर सकते हो, आरटीओ ऑफीसर बनने के लिय मुख्य तौर पर 3 चरण होते हैं।
आरटीओ क्या है?
रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस में जो भी कार्य किए जाते हैं, उन सभी का एक आरटीओ में डेटाबेस तैयार किया जाता है, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) भारतीय सरकार का एक कार्यालय है, जो भारत में वाहन पंजीकरण और चालन अनुज्ञप्ति जारी करने के लिए उत्तरदायी है।
RTO Kaise Banate Hai ?
आरटीओ बनने के लिए सबसे पहले ग्रुप बी ग्रेड पर पदोन्नति प्राप्त करनी होती है उसके बाद आरटीओ ऑफीसर की रैंक पर प्रमोशन मिलता है। निचले स्तर की पोस्ट पर आने के लिए पहले चरण में लिखित परीक्षा दूसरे चरण में फिटनेस टेस्ट तीसरे चरण में एंट्री राउंड आयोजित किया जाता है।
RTO का क्या कार्य है?
नागरिकों को मोटर वाहन अधिनियम का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी आरटीओ ऑफिसर की होती है।
आरटीओ की स्थापना कब हुई?
आरटीओ (Regional Transport Office) एक सरकारी कार्यालय होता है, जिसमें गाड़ी संबंधित कागजात बनाए जाते हैं, आरटीओ की स्थापना 1998 में हुई थी।
RTO ki full Form Kya hoti Hai?
RTO की फुल फोर्म Regional Transport Office (RTO) होती है।
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