वर्तमान समय में भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हर व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान हैं। ऐसे में व्यक्ति के शरीर में मानसिक विकार उत्पन्न होने की संभावना बढ़ जाती हैं। इस समस्या के लिए विभिन्न एलोपैथिक तथा आयुर्वैदिक दवाइयाँ हैं लेकिन उनसे स्थाई इलाज संभव नहीं हैं। लेकिन मानसिक शांति के लिए मैडिटेशन एक ऐसा ज़रिया हैं जिसे अगर आप रोज़ कुछ मिनट भी करें तो आप मानसिक विकारों को हमेशा के लिए ख़त्म कर सकते हैं।
मैडिटेशन क्या हैं?
शरीर के गंदा होने पर हम नहाते हैं और वह साफ़ हो जाता हैं उसी प्रकार मैडिटेशन भी हमारे मन और मस्तिष्क की गंदगी को साफ़ करने का कार्य करता हैं। बाहरी गंदगी शरीर को मेला करती हैं लेकिन हमारी मानसिक स्थिति हमारे मन पर प्रभाव डालती हैं। रोज़ स्ट्रेस भरा कार्य करने से, लड़ाई झगड़ा तथा विपरीत दैनिक जीवन की स्थितियाँ हमारे मनन को मेला करती हैं। इसके कारण हमारा स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता हैं और रोज़मर्रा के कार्य करने में हमें मानसिक थकावट का सामना करना पड़ता हैं।
अगर आप मानसिक थकावट को दूर करना चाहते हैं तो इसका सबसे कारगर उपाय मैडिटेशन ही हैं। लेकिन अधिकतर लोग यह नहीं जानते हैं की मैडिटेशन कैसे किया जाता हैं और इसका सही तरीक़ा क्या हैं। यदि आप शुरुआती तरीक़े से मैडिटेशन सीखना चाहते हैं तो इसकी सबसे आसान प्रक्रिया नीचे बताई जा रही हैं।
मैडिटेशन करने से पहले ज़रूरी चीजें
मैडिटेशन करने की प्रक्रिया किए जा रहे मैडिटेशन के प्रकार पर निर्भर करती हैं। यदि आप आत्मिक शांति के लिए मैडिटेशन करना चाहते हैं तो आपको कही जाकर इसे सीखने की ज़रूरत नहीं हैं। मैडिटेशन शुरू करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक हैं जो निम्नलिखित हैं-
- मैडिटेशन हमेशा नहा कर करें।
- मैडिटेशन करते समय हमेशा ढीले कपड़े पहने, टाइट कपड़े ना पहने।
- किसी ऐसे स्थान का चयन करें जहां बाहरी आवाज़ें ना के बराबर हो।
- कोशिश करें कि आप मैडिटेशन करने के बाद खाना खाये लेकिन अगर भूख महसूस हो रही हैं तो खाना खाने के 1 घंटे बाद मैडिटेशन करें। यह इसलिए कि खाना खाते की पाचन क्रिया के कारण नींद आना शुरू हो जाती हैं।
- मैडिटेशन करने के लिए किसी विशेष अवस्था में बैठने की आवश्यकता नहीं होती हैं। आप अपने अनुसार सबसे आरामदायक अवस्था में बैठ सकते हैं।
- अपने शरीर को किसी भी अवस्था में तकलीफ़ देके आप मैडिटेशन नहीं कर सकते अतः आरामदायक स्थिति में बैठना आवश्यक हैं।
- मैडिटेशन के लिए आपको किसी भी मंत्र वगेरह की ज़रूरत नहीं होती हैं।
मैडिटेशन कैसे करें?
- सबसे पहले किसी ऐसे स्थान पर बैठे जहां बाहरी आवाज़ें ना हो। अगर बाहर की आवाज़ें हैं तो आप अपने कान में Ear Pads लगा सकते हैं। आप ईयरफ़ोन्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं जो बाहर की आवाज़ो को रोकते हैं।
- अब अपने शरीर को एकदम ढीला छोड़ दे। अपनी पीठ तथा हाथ पैरों को ढीला रखे।
- इसके बाद आँखें बंद करके अपनी उपस्थिति को महसूस करें।
- अपने मन को शांत करने के लिए मनन में ही धीरे-धीरे 1 से लेकर 10 तक की गिनती गिने। इससे आपको वर्तमान समय में केंद्रित होने में मदद मिलती हैं।
- अब सबसे ज़रूरी प्रक्रिया शुरू होती हैं। अपनी साँसों के अंदर तथा बाहर निकालने पर ध्यान लगायें।
- शरीर के अंदर हवा का जाना तथा बाहर निकाला महसूस करने की कोशिश करें।
- यह प्रक्रिया आप जितने समय के लिए कर सकते हैं करें।
- इसके बाद हल्के हाथ से अपनी आँखों कि मलें तथा धीरे धीरे आँखें खोलें।
कुछ ज़रूरी बातें
मैडिटेशन एक सतत चलने वाली प्रक्रिया हैं। इसमें समय लगता ही हैं। शुरुआती दिनों में मैडिटेशन करते समय आपको ध्यान लगाने में परेशानी हो सकती हैं। आपको अपने विचारों को रोकने में परेशानी होगी लेकिन आप उन्हें रोकने का प्रयास ना करें उन्हें आने दे। आप बस अपनी साँसों पर ध्यान लगायें। शुरुआती दिनों में आप 5 से 10 मिनट ही मैडिटेशन करें। बाद में आप अपने अनुसार इसका समय बढ़ा सकते हैं। मैडिटेशन में समय के लिए कोई नियम नहीं होते हैं। आप 5 मिनट के मैडिटेशन से वह ध्यान लगा सकते हैं जो कोई अन्य व्यक्ति 50 मिनट में भी नहीं लगा सकता, या इसका उल्टा भी हो सकता हैं। अतः अपने विवेक से समय का निर्धारण करें।
ध्यान लगना महसूस होने में कम से कम 15 दिन का समय लग सकता हैं। लेकिन विश्वास रखिए, जिस दिन से आप मैडिटेशन शुरू करेंगे उसके एक माह बाद आप एक नया जीवन और नई ऊर्जा महसूस करेंगे। शुरुआती दिनों में यह बदलाव नहीं दिखेगा लेकिन बाद में इसका प्रभाव आपके जीवन के सभी पहलुओं पर दिखेगा।
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मैडिटेशन करने के फ़ायदे
मैडिटेशन करने के कुल फ़ायदे देखे तो हज़ारों में भी नहीं गिना जा सकता हैं। आपके जीवन का ऐसा कोई हिस्सा नहीं हैं जिसमें मैडिटेशन से आपको फ़ायदा ना हो। मैडिटेशन से आपके जीवन की लगभग 90% समस्याएँ हल हो जाएगी। मैडिटेशन से सामान्य रूप से मिलने वाले कुछ फ़ायदे नीचे सूची में बताएँ जा रहे हैं-
- मैडिटेशन आपके मन को साफ़ करता हैं अतः इससे मानसिक विकार दूर होते हैं।
- डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करने के लिए पर्याप्त मानसिक शक्ति प्राप्त होती हैं।
- अधिक ग़ुस्सा, चिड़चिड़ापन, उदासी, दुख, मानसिक पीड़ा तथा थकावट आदि को दूर करने में आसानी होती हैं।
- आप पूरे दिन ऊर्जावान महसूस करते हैं।
- आपके चेहरे पर मुस्कान रहती हैं।
- आपके सोचने की शक्ति बढ़ती हैं तथा जिससे किसी भी समस्या का हाल निकालने में कम समय लगता हैं।
- आपके पारिवारिक संबंधों को संभलने में आसानी होती हैं।
- यदि आप विद्यार्थी हैं तो मैडिटेशन से आपको पढ़ाई के समय मनन लगाने में आसानी होती हैं।
मैडिटेशन के शारीरिक लाभ:-
- लैपटॉप कंप्यूटर पर काम करने से होने वाले आँखों के दर्द को कम करने में सहायता मिलती हैं।
- त्वचा की सेहत अच्छी होती हैं।
- मस्तिष्क की क्रियाशीलता बढ़ती हैं।
- मानसिक तनाव के कारण बाल झड़ने की समस्या होती हैं लेकिन मैडिटेशन से इसे कम किया जा सकता हैं।
- चेहरे की उदासी दूर होती हैं।
- साँस लेने की क्रिया सही तरीक़े से काम करती हैं।
- शरीर को सही मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होती हैं।
लेख में बताया गया मैडिटेशन एक शुरुआती मैडिटेशन हैं। मैडिटेशन के कई प्रकार हैं। आप किसी विशेष मैडिटेशन के लिए क्लासेज़ जॉइन कर सकते हैं।
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